मेरी रचनाये

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सोमवार, 7 नवंबर 2011

सुरमई -सुबह

आँखें खुली ...
अँधेरा सा लगा 
कमरे से जब बहार आया 
सूरज की लाल -लाल किरणे मद्धम -मद्धम 
आसमान को निगल रहा था 
पड़ोस में 
संगीत की धुन कानो को झंझकृत कर रही थी 
सुबह सूरज 
मेरे नैनों को नई रह दिखा रही थी 
मेरा नन्हा "यज्ञेय " 
हंसते हुए ..... 
किलकारी ले रहा था 
वह सुबह मेरी जीवन की 
नई जंग बन गई 
चेहेरे पर मुस्कान थी पर 
जेम्मेदारी की इक .... नई आगाज बन गई ...
...........लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "

बुधवार, 26 अक्तूबर 2011

शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

आईना...


आप से निवेदन है कि अब मेरे दोनों ब्लाग निचे जो लिंक है वह फेसबुक पर उपलब्ध है तो मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया फेसबुक पर भी अनुसरण करें !! धन्यवाद !! 
http://neelkamal5545.blogspot.com/
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शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

एक दीप अँधेरे में ...

एक दीप अँधेरे में ...
बरसों से मंदिर के कपाट में 
एक दीप अँधेरे में जल रहा है 
रोशनी की तलाश में भटककर खुद से लड़ रहा है 
कितने दिन बीत गए ...
अपने रूप को , आईने में नही देख पाया 
थोड़ा सा तेल 
वहीं पुरानी बाती 
उसी कपाट पर 
बंद , पडा अपनी दशा से परेशान
फिर भी धीमें -धीमें  जल रहा है 
उस उजले दिन की इंतजार में 
बुझता और जलता 
नया सबेरा ढूंढ़ रहा है 
बरसों से मंदिर की कपाट में 
एक दीप अँधेरे में जल रहा है 

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "

गुरुवार, 22 सितंबर 2011

प्रगति......


प्रगति आतंक की जननी है 
खून तो मानो आतंक है 
पर प्रगति तो धमनी है 
प्रगति ने किया बंदूकों का आविष्कार 
इंसानों ने किया अपनों का ही शिकार 
प्रगति ने ही किया परमाणु अस्त्रों का आविष्कार  
जल गया हिरोशिमा नागासाकी जिसका न कोई आधार 
प्रगति अभी खोज रही थी कैंसर का उपचार 
लो आ गया नया एड्स का भरा पूरा परिवार 
प्रगति ने ही किया है वकील अदालतों का आविष्कार 
बोफोर्स, हवाला चारा करके भी बच गई सरकार 
प्रगति का सबसे बड़ा आविष्कार तो है नोटों की लम्बी तलवार 
जिससे काटो तो ना निकले खून और बचे कातिल हर बार..... 


बुधवार, 7 सितंबर 2011

मिलन ...


अब ना ,कहना 
अब ना ,रोना 
अब ना ,हंसना 
अब ना , इंतजार करना 
अब ना ,रूठ पाओगी 
अब ना ,मुझे ढूंढ़ पाओगी 
अब ना ,मुझे देख पाओगी
अब ना ,मिलन ... होगा 
अब ना ,तुम्हें देंगे कोई ताने 
अब... तो मुझे बस 
तुम अतीत में ही ढूंढ़ पाओगी
जब- तक  तुम्हें पता चलेगा ...
मैं कहाँ हूँ ...
तब -तक 
मेरी , लाश राख में तब्दील हो  गया होगा ? 
मैं हंसता हुआ जा रहा हूँ
अब ना ,तुम रोना 
मुझे यूँ ... न याद कर 
आंसू ,बहना 
हँसते हुए 
सखी तुम अपनी .. लड़ाई .... स्वयं लड़ना 

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "

मंगलवार, 23 अगस्त 2011

अपनी कलम ...

कोई बेवजह मर जाता है 

तो कोई लड़ -लड़ कर 
मगर मुझे लड़ना है 
अपनी कलम ... की ताकत से 
हर जंग फतह करना है 
गरीबों को इंसाफ नहीं मिलता 
इसलिए ,किसी से भी लड़ जाता हूँ 
कब सुधरेगा हमारा सभ्य संसार ?
ये सोंचके अड़ जाता हूँ 

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "

सोमवार, 22 अगस्त 2011

जन्म दिवस की हार्दिक बधाई ....

महकती ,,, हवाओं में तुम्हारा ही तो है नाम यारा 

तुम ही तो हमारी सुबह तुम्ही तो शाम यारा .......


जन्म दिवस की हार्दिक बधाई .... शुभकामनाएं ........



लक्ष्मी नारायण लहरे ....


गुरुवार, 4 अगस्त 2011

बधाई ....... पत्र !

प्रिय ,गांवली ... मेरा बधाई ..... पत्र ..स्वीकार करो 

आज का दिन 
मंगलमय हो ! 
०४ अगस्त ....
जन्म दिवस की हार्दिक बधाई ....
आज .. का दिन 
यादगार का दिन है 
जीवन की इतिहास का दिन है 
पर मै तुम्हारे साथ ,उत्सव नहीं माना पाउँगा
बरसो की यादों को ,बीते लम्हों को 
बस ,अतीत में झांकर 
हंस लूंगा 
जो बिताये थे जीवन के पल, उस पल को याद कर 
हँसते हुए ...दूर से तुम्हे देख लूंगा 
हम जीवन बंधन में न बंध सकें तो क्या हुआ 
हमारा प्रेम ... तो जीवित है 
जैसे ..मीरा की प्रेम ....
आज ..तुम २१ वर्ष की ...
ओर कदम आगे बढ़ा रही हो ..
जीवन की नई डगर ,नई उमंग तुम्हारे पास है 
आगे बढ़ो ...
नई इतिहास रचो 
प्रेम ,का अर्थ ही त्याग है ....
जन्म दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं !....

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "

मंगलवार, 2 अगस्त 2011

जज्बात ...

एक घर सपनों की 
न जाने मन में कब से बनाकर रखा हूँ 
उस घर की दीवार विश्वाश पर टिकी है 
मेरे आंसुओं से बनी है उसकी छत 
मेरे अरमानो की बगिया सजी है 
उस छोटे से घर में 
न जाने कितने बरस लगे हैं 
कुछ लोगों के झूठे स्नेह 
कुछ लोग मजाक उड़ाते हैं 
मेरे जज्बात ...को भी 
वो हंसी से नहीं ,बल्कि तानें दे - देकर 
ऊँची आवाज से चिढाते हैं 
उनके अतीत का मैं एक हिस्सा हूँ 
शायद भूल गए हैं वो मैं वही टहनी हूँ 
जिससे वो अपना 
आलिशान महल बनाये हुए हैं 

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "

रविवार, 31 जुलाई 2011

हे प्रभु अब लौट आओ ! ......


हे प्रभु अब लौट आओ ,
प्रेम की दयानिधि 

ज्ञान के विधाता ,
मनुष्य के उद्धार करता 

अब प्रगट हो जाओ ,
सच और झूठ की 


पोल खोल दो ,
भाई को भाई से मिला दो 

जाती -भेद को हटा दो ,
धर्म -कर्म बता दो 

साहिल को रूप दिखा दो ,
हे प्रभु अब लौट आओ 

संकट से बचा लो ,
कुर्सी की लड़ाई समझा दो 

कानून की काली पट्टी हटा दो ,
तलवार के जगह फुल थमा दो 

सुने हर गोद में औलाद थमा दो ,
बेटा -बेटी के भेद को मिटा दो 












अब तो "साहिल " को गले लगा लो ,
हे प्रभु अब लौट आओ .............

लक्ष्मी नारायण लहरे  "साहिल "
 कोसीर ... ग्रामीण मित्र !

बुधवार, 27 जुलाई 2011

एक -पत्र



गांवली की चिट्ठी ......


बस इतनी ही शिकायत है ....


रात इतने तन्हें, क्यों होते हैं 
अलग -अलग हैं हम 
फिर भी 
पास मैं तुम्हें पाती हूँ 
पर किस्मत को क्यूँ दोस दूँ ...
बस इतनी ही शिकायत है रब से 
जिसे पाना हो मुश्किल 
मोहब्बत उन्ही से क्यूँ होती है ...
साहिल ....
आगे लिखती हैं ....
इस जीवन की यही है कहानी ....
आनी -जानी है दुनिया ...
जैसे दरिया का पानी ....
तुम्हारी ...गांवली 

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल '

शनिवार, 16 जुलाई 2011

इन आँखों में अब नींद कहाँ .....

इन आँखों में अब नींद कहाँ 
इन आँखों में अब चैन कहाँ 
अपलक ,एकटक 
राह तुम्हारी ताकती है 
सुबह -शाम 
पल -पल ,हर पल 
बस तुम्हारे ही 
आने की 
खबर .......
 मन में संजोये .......
राह तुम्हारी ताकती है 
सुबह से शाम होती है ....
सावन का वो महिना ...
बिताये थे हम साथ -साथ 
वो बीते पल याद आते हैं 
प्रिये ......
गांवली,सांवली ....
रिम -झिम बारिस की बूंदें 
मन को बहुत तड़पाते हैं 
लौट आवो .....
तुम्हें ...ये नयन अब भी याद करते हैं ....
क्या ? तुम्हे मेरी चिट्ठी नहीं मिल पाई 
या अब भी नाराज हो 
लौट आवो .....

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "
कोसीर ...ग्रामीण मित्र !

शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

आजकल .....

आजकल लोगों के चेहेरे खुश नजर ,आते नहीं ! 
बेघर हैं लोग इस छोटी सी उमर में 
अनजान ,नादान बन कर जी रहे हैं 
आँखों में ढेर -सारे सपनें हैं 
पर वक्त के आगे खुद से बेगानें हैं 
यूँ तो सफ़र जिंदगी की मज़बूरी बन गई है 
पर ,हाथों में खंजर लिए जी रहे हैं 
न जाने कब क्या हो जाये 
यही सोंच कर मधुशाला जाते हैं 
लौटते हुए घर 
वो ! श्मशान पर नजर आते हैं 
बहक गए हैं जमाने की रुसवाई से 
तंग -कपडे में विज्ञापन आजमातें हैं 
न जाने कौन सी अनाज खाते हैं 
बदलते तस्वीर में ......
रंग भर कर 
नीलाम करते हैं 
वो .... साहेबजादे रुपये के लिए 
अपनी ईमान को बेच जाते हैं 
भला क्या कहें ? 
भला हो क्या ....
लोगों को अमीर-गरीब की खाई से 
जात-पात की लड़ाई से 
भाई -भाई को लड़ाते हैं 
ऐ.... मेरे अजीज दोस्तों 
जिन्दगी की सफ़र में ....
पल -दो -पल पड़ोसी ही काम आते हैं ......

लक्ष्मी नारायण लहरे  "साहिल '

बुधवार, 13 जुलाई 2011

आदिवासी बच्चों को डेरे में जाकर स्कूल में दिये दाखिले.......


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मां कौशलेश्वरी ज्ञानोदय विद्या मंदिर की सराहनीय पहल
अभयसिंह ने कहा हम पढ़ाना चाहते हैं
संस्था ने 05 बच्चों के पढ़ाई का जिम्मा उठाया
कोसीर
 । ग्राम कोसीर रायगढ़ जिले का सबसे बड़ा गांव है जो रायगढ़ के जिले के अंतिम छोर पर बसा है। विगत 17-18 वर्ष पूर्व सबरिया गोंड़ प्रजाति के परिवार कोसीर पहुंचे और घास फूस की झोपड़ी बनाकर बस गये। ये परिवार राज्य सरकार की कई योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं इन्हें गांव में सबरिया के नाम से जाना जाता है पर वास्तविक में ये सबरिया गोंड़ आदिवासी है जो कोसीर के पश्चिम दिशा में बस गए हैं। इनका जीवोपार्जन का मुख्यधारा दूसरों का काम करना, बकरी पालन, मुर्गी पालन कर अपना दिन गुजार रहे हैं। कोसीर में इनके 7-8 परिवार हैं जिसमें बूढें़, बच्चे, जवान की संख्या 30-35 हैं।

इनका मानना है कि कोसीर गांव अच्छा लग रहा है । इनकी जीवन में बहुत कुछ बदलाव आया है पर शिक्षा के क्षेत्र में कोसों दूर हैं जो इनके पिछड़ेपन का कारण है । लगभग 20 वर्ष होने को है पर बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाये।

विगत दिवस कोसीर के एक स्थानीय प्राइवेट स्कूल संस्था इनके डेरे पहुंचा तो इनके बच्चे दौड़कर आ गए। जब मां कौशलेश्वरी ज्ञानोदय विद्या मंदिर के प्राचार्य सनत कुमार चन्द्रा और उनके सहपाठी शिक्षक शंकर चन्द्रा, स्नेहा यादव लक्ष्मी कांत ने बच्चों को कहा क्या आप लोग पढऩा चाहते हो, तो टिंगू अभयसिंह ने कहा हां हम पढऩा चाहते हैं।

तब अभय सिंह के मां बाप और अन्य परिवार को समझाये तो अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए लछीराम तैयार हो गया और प्राचार्य सनत कुमार चन्द्रा नें उनके 5 बच्चों को स्वयं संस्था के खर्च से पढ़ानें-लिखाने, स्कूली यूनीफार्म, पुस्तकें, स्लेट, पेन नि:शुल्क पढ़ाने के लिए अपने कदम बढ़ाये और बच्चों को दाखिला दिये जिसमें छोटू पिता करियाराम 06 वर्ष, अभयसिंह पिता लच्छीराम 15 वर्ष, नरसिंह पिता लच्छी राम 06 वर्ष, गुडडू पिता बाबूलाल 07 वर्ष कन्हैया बाबूलाल 09 वर्ष ये बच्चे अब कोसीर के मां कौशलेश्वरी ज्ञानोदय विद्या मंदिर में पढऩें के लिए आ रहे हैं।

संस्था की पहल से ये गरीब बच्चे शिक्षा ग्रहण करनें के लिए आगे कदम बढ़ाये हैं जो प्रशंसनीय पहल है। मा कौशलेश्वरी ज्ञा. विद्या मंदिर के प्राचार्य ने कहा कि हम इन बच्चों को नि:शुल्क पढ़ा रहे हैं हमारी संस्था इन्हें पहली से 10 वीं. तक अपने संस्था में नि:शुल्क षिक्षा देगी।

सोमवार, 20 जून 2011

अखबार कतरन .....

अशोक बजाज जी के साथ नन्द राम लहरे ,भुवन मिश्रा , पवन देवांगन ............
.लक्ष्मी नारायण लहरे ......

सोमवार, 6 जून 2011

गाँव में जलाए गए केंद्र सरकार की पुतला ....चित्रमय झलकियाँ ...

गाँव में जलाए गए केंद्र सरकार की पुतला ....चित्रमय झलकियाँ ...










कोसीर पश्चिम मंडल के द्वारा केंद्र सरकार की निंदा
........ छाया ...: 
गोल्डी कुमार नवभारत पत्रकार कोसीर 

रविवार, 5 जून 2011

वृक्षारोपण ...करें गाँव खेत ,खलिहान में .....लक्ष्मी नारायण लहरे

वृक्षारोपण  ...करें गाँव खेत ,खलिहान में ....
छत्तीसगढ़ी कविता 
गाँव ,शहर ल 
साफ -सुथरा करके 
संकल्प करी हमन 
हवा अऊ पानी 
आँगन साफ रही 
जब ....
गाँव ,शहर.. म लगाबो पेड़ -पौधा 
आवा सबो जुर -मिल के भाई 
गाँव ,शहर ल सरग बनाई 
एक-एक पौधा 
सबो भाई -बहन लगाईं ....
संकल्प लव सबो भाई .......
................... लक्ष्मी नारायण लहरे

मंगलवार, 31 मई 2011

सारंगढ़ में ब्लागर अशोक बजाज जी का जोरदार स्वागत .....,चित्रमय ......झलकियाँ ....................लक्ष्मी नारायण लहरे


 सारंगढ़ मंडल में भण्डार गृह निगम अध्यक्ष अशोक बजाज जी के साथ सारंगढ़ मंडल के अध्यक्ष  शहर मंडल लखन शर्मा ,पूर्वी टिका राम पटेल ,पश्चिम मंडल नन्द राम लहरे की विशेष उपस्थिति के साथ बजाज जी का  जोरदार स्वागत किया गया .........
चित्रमय ......झलकियाँ ....................
लक्ष्मी नारायण लहरे .....




 सारंगढ़ में ब्लागर अशोक बजाज जी का जोरदार स्वागत .....





रविवार, 24 अप्रैल 2011

भीड़ को देख पंचायत मंत्री हुए गदगद, कोसीर की झोली भरने का किया वादा 20-Apr, ..


एक करोड़ तीस लाख के निर्माण एवं विकास कार्यों का पंचायत मंत्री ने किया लोकार्पण
लाखों के काम किये स्वीकृत तो नंदराम की पीठ भी थपथपाई
कोसीर
। प्रदेश के पंचायत मंत्री रामविचार नेताम ने कोसीर में आयोजित ऐतिहासिक आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोसीर सरपंच नंदराम लहरे ने महज एक साल के कार्यकाल में अपने काम और जनता के प्रति दायित्व का जिस कुशलता के साथ निर्वहन किया है और यहां विकास की जो गंगा बहाई है उसे देखकर ही जाना जा सकता है कि भाजपा का कार्यकर्ता अपने कर्तव्यों के प्रति किस कदर संवेदनशील होता है। जब एक कार्यकर्ता इस भावना के साथ आगे बढ़ता है तो पूरी पार्टी की सोच के साथ काम करती होगी, यह भी सहज समझा जा सका है। श्री नेताम ने यहां एक करोड़ तीस लाख के कार्यों का लोकार्पण तो किया ही साथ ही विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों के लिए लगभग 50 लाख रूपये की स्वीकृति भी दी। 15 से 20 हजार की भीड़ को देख पंचायत मंत्री ने नंदराम लहरे की पीठ भी थपथपाई।

सारंगढ़ क्षेत्र के सबसे बड़े गांव कोसीर में आयोजित जनसभा और लोकार्पण समारोह में प्रदेश के पंचायत मंत्री रामविचार नेताम, प्रदेश के पूर्व भाजपाध्यक्ष एवं रायगढ़ सांसद विष्णुदेव साय, सारंगढ़ के पूर्व सांसद गुहाराम अजगल्ले, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा, श्रीकांत सोमावार, बजरंग अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, पूर्व विधायक जवाहर नायक, भागिराथी नायक, श्रीमती प्रेमा अजगल्ले सहित बड़ी संख्या में भाजपाई कार्यकर्ता उपस्थित थे। मंत्री रामविचार नेताम ने सबसे पहले नंदराम लहरे के निवास स्थान पर पहुंचकर भोजन ग्रहण किया।

यहां से वे सुप्रसिद्ध कौशलेश्वरी देवी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे मां कौशलेश्वरी का विधिवत पूजन के पश्चात वे नवनिर्मित अटल बाजार पहुंचे यहां उन्होंने अटल बाजार का विधिवत लोकार्पण किया। अटल बाजार परिसर के ही विशाल मैदान में जनसभा आयोजित था। यहां मंत्री जी का स्वागत कर्मा नृत्य दल और पटाखों के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में रायगढ जिले के लोकप्रिय कलेक्टर अशोक अग्रवाल भी उपस्थित हुए। अपने संबोधन के दौरान नंदराम लहरे ने यह भी कहा कि वे जो भी मांगते है इस गांव की उन्नति के लिए मांगते इसलिए किसी के सामने भी हाथ फैलाने में उन्हें कोई संकोच नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस गांव को नगर पंचायत और नगर पािलका के रूप में विकसित करना है। वर्तमान में यहां की आबादी पांच हजार से उपर हो चुकी है। लिहाजा गांव के विकास के लिए पर्याप्त ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि मुहतरा घाट में स्टॉप डेम व 111 एकड़ के इस प्लाट में पानी निकासी की व्यवस्था जैसे काम अधूरे हैं वहीं कई अन्य काम ऐसे हैं जो देर-सबेर इस गांव की आवश्यकता बन सकते है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश की जनता को अपने परिवार की तरह माना है यहीं कारण है कि उन्होंने कन्यादान में 30-30 हजार रूपये का दायिज देकर बेटियों को विदा किया है।

उन्होंने पंचायत मंत्री रामविचार नेताम की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि वे एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो संगठन शासन और व्यक्तिगत रूप से बेहतर सोच रखते है। वहीं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं रायगढ़ सांसद विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार आम जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए ग्राम सुराज अभियान चला रही है और आज का यह कार्यक्रम इसी की एक कड़ी माना जा सकता है। अपने संबोधन में पंचायत मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि कोसीर में आयोजित इस कार्यक्रम में जिस तादाद में लोगों की भीड़ उमड़ी है उसे देखते हुए ऐसा लग रहा है मानो जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया हो।

कोसीर के कर्मठ सरपंच नंदराम लहरे को शुभकामना प्रेषित करते हुए रामविचार नेताम ने कहा कि सुराज यात्रा के शुभ अवसर पर यह कार्यक्रम एक शुभ संदेश की तरह है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि यहां पर मौजूद भीड़ बताती है कि लहरे ने इस गांव के विकास के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा गांव होने के कारण कुछ चीजों को बेहतर करने की जरूरत है लेकिन मैं यह विश्वास दिलाता हुं कि जिले में पैसे की कोई कमी नहीं और न ही सरकार की नियत में कोई फर्क आया है।

जरूरत सिर्फ इस बात की है कि काम करने वाले लोग आगे आये ताकि विश्वास पूर्वक आगे बढ़ा जा सके। श्री नेताम ने पांच करोड़ सात लाख के कार्य सारंगढ़ तहसील के लिए घोषित करते हुए कहा कि कोसीर के लिए 18 लाख रूपये स्वीकृत किये गये है। पचरी और रजनी तालाब के जीर्णोद्धार के लिए भी उन्होंने राशि की घोषणा की।कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की 5 हजार महिलाओं को साड़ी तथा चरण पादुका का वितरण भी सरपंच नंदराम लहरे के सहयोग से किया गया।

झलकियां
0 पंचायत मंत्री रामविचार नेताम ने मंच पर ही ग्राम सचिव दयाराम लहरे व सीईओ हरिराम सिदार को बुलाकर आम जनता से पूछा कि उन्हें इन लोगों से क्या परेशानियां है। श्री नेताम ने गरीबी रेखा कार्ड और वृद्धावस्था पेंशन के बारे में मंच पर ही लोगों को पूछा।
0 अपने पूरे कार्यक्रम के दौरान रामविचार नेताम सरपंच नंदराम लहरे के प्रभाव से काफी प्रभावित नजर आये। उन्होंने विकास कार्यों के लिए राशि घोषित करने के बाद जब नंदराम लहरे से मुस्कुराने कहा तो भीड़ भी जोर से हंस पड़ी।
0 उद्बोधन के दौरान नंदराम लहरे ने माईक छोडऩे से लगभग इंकार करते हुए कहा कि आज मुझे बोल लेने दे ताकि कोई कसर बाकी न रह जाये। उन्होंने यह भी कहा कि महज 15 मिनट बोलने के लिए उन्होंने 15 लाख रूपये खर्च किया है।
0 नंदराम लहरे ने जहां मंच से कलेक्टर अशोक अग्रवाल से इस बात के लिए माफी मांगी की वे बार-बार अपने क्षेत्र की जनता के हित के लिए उनसे लड़ते रहे है। वहीं उन्होंने मंच पर दंडवत होकर आम जनता से इस बात के लिए माफी मांगी कि उनसे कुछ भुल हुई होगी तो क्षमा करें।

सीएम को कमजोर बताना नंदकुमार का बड़बोलापन
पत्रकारों से बातचीत के दौरान पंचायत मंत्री ने प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नंदकुमार पटेल द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को कमजोर बताये जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह उनका बड़बोला पन ही है। कुछ दिनों में ही उन्हें कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का पता चल जायेगा और संभवत: तब उनका यह बड़बोला पन कम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिस मुख्यमंत्री को केन्द्र सरकार तक सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री का खिताब देकर नवाज रही है, उसे नंदकुमार जैसे लोग ही कमजोर कह सकते है।

वहीं श्री नेताम ने जिला पंचायत द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं काम सौंपे जाने और उसमें हो रहे भ्रष्टाचार से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि ऐसे मामलों के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो इस बात का जांच करेगी कि वास्तव में नियम के अनुरूप काम हो रहे है अथवा नहीं और यदि इसमें कोई खामी है तो संबंधित व्यक्ति पर कार्यवाही की जाये। रामविचार नेताम ने यह भी कहा कि आम जनता में भाजपा सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है और वे यह दावा अभी से कर रहे है कि अगली सरकार भी डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में शासन करेगी।

लक्ष्मी नारायण लहरे.

बुधवार, 13 अप्रैल 2011

मोना सेन की राम नवमी पर कार्य क्रम की झलकियाँ







छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध गायिका  मोना सेन की ग्राम कोसीर में राम नवमी पर कार्य क्रम की झलकियाँ .....छाया ..गोल्डी कुमार ,पत्रकार कोसीर