मेरी रचनाये

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मंगलवार, 23 अगस्त 2011

अपनी कलम ...

कोई बेवजह मर जाता है 

तो कोई लड़ -लड़ कर 
मगर मुझे लड़ना है 
अपनी कलम ... की ताकत से 
हर जंग फतह करना है 
गरीबों को इंसाफ नहीं मिलता 
इसलिए ,किसी से भी लड़ जाता हूँ 
कब सुधरेगा हमारा सभ्य संसार ?
ये सोंचके अड़ जाता हूँ 

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "

सोमवार, 22 अगस्त 2011

जन्म दिवस की हार्दिक बधाई ....

महकती ,,, हवाओं में तुम्हारा ही तो है नाम यारा 

तुम ही तो हमारी सुबह तुम्ही तो शाम यारा .......


जन्म दिवस की हार्दिक बधाई .... शुभकामनाएं ........



लक्ष्मी नारायण लहरे ....


गुरुवार, 4 अगस्त 2011

बधाई ....... पत्र !

प्रिय ,गांवली ... मेरा बधाई ..... पत्र ..स्वीकार करो 

आज का दिन 
मंगलमय हो ! 
०४ अगस्त ....
जन्म दिवस की हार्दिक बधाई ....
आज .. का दिन 
यादगार का दिन है 
जीवन की इतिहास का दिन है 
पर मै तुम्हारे साथ ,उत्सव नहीं माना पाउँगा
बरसो की यादों को ,बीते लम्हों को 
बस ,अतीत में झांकर 
हंस लूंगा 
जो बिताये थे जीवन के पल, उस पल को याद कर 
हँसते हुए ...दूर से तुम्हे देख लूंगा 
हम जीवन बंधन में न बंध सकें तो क्या हुआ 
हमारा प्रेम ... तो जीवित है 
जैसे ..मीरा की प्रेम ....
आज ..तुम २१ वर्ष की ...
ओर कदम आगे बढ़ा रही हो ..
जीवन की नई डगर ,नई उमंग तुम्हारे पास है 
आगे बढ़ो ...
नई इतिहास रचो 
प्रेम ,का अर्थ ही त्याग है ....
जन्म दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं !....

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "

मंगलवार, 2 अगस्त 2011

जज्बात ...

एक घर सपनों की 
न जाने मन में कब से बनाकर रखा हूँ 
उस घर की दीवार विश्वाश पर टिकी है 
मेरे आंसुओं से बनी है उसकी छत 
मेरे अरमानो की बगिया सजी है 
उस छोटे से घर में 
न जाने कितने बरस लगे हैं 
कुछ लोगों के झूठे स्नेह 
कुछ लोग मजाक उड़ाते हैं 
मेरे जज्बात ...को भी 
वो हंसी से नहीं ,बल्कि तानें दे - देकर 
ऊँची आवाज से चिढाते हैं 
उनके अतीत का मैं एक हिस्सा हूँ 
शायद भूल गए हैं वो मैं वही टहनी हूँ 
जिससे वो अपना 
आलिशान महल बनाये हुए हैं 

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "